1 अक्टूबर से टैक्स से जुड़े नियमों में हम बदलाव होने वाले हैं, इनमें शेयर मार्केट से भी जुड़े नियम है। जो सीधे तौर पर निवेश को की ट्रेडिंग हिस्ट्री दीजिए और प्रॉफिट को प्रभावित करेंगे । जैसे की सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स ऐसे में अगर आप शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं ,तो आपको नियमों में बाकी होना चाहिए इससे आप सही ट्रेडिंग स्ट्रेटजी बना पाएंगे ।
1 अक्टूबर से शेयर बाजार और नेक्स्ट टैक्स से जुड़े कहानी न्यू मूवी बदलाव हो रहा है ,जिसका सीधा असर नहीं उसको कीजिए पर पड़ेगा अगर आप भी शेयर मार्केट में निवेश करते हैं ,या फिर टैक्स का भुगतान करते हैं ,तो आपके लिए इन नियमों को जानना बहुत जरूरी है ।
STT चार्ज दुगना हुआ
देश में बहुत से लोग फ्यूचर्स एंड ऑप्शन में ट्रेड करते हैं । 1 अक्टूबर से फ्यूचर एंड्रॉयड पर सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स हत की बड़ी डरे लागू होगी फ्यूचर्स पर एसटीडी में 0. 02 पी सदी तक और ऑप्शंस पर 0.1 फ़ीसदी तक की इजापा हुआ है । इससे फ्यूचर एंड ऑप्शन करने की लागत खास तौर पर रिटेल इन्वेस्टर के लिए बढ़ जाएगी।
ITR आधार व पैन कार्ड दस्तावेज का होना जरूरी
इनकम टैक्स फाइल करते वक्त आधार कार्ड और पैन कार्ड जरूरी होता है । अलंकार अभी तक टैक्स पेयर आधार और पेन की एनरोलमेंट आईडी लगाकर भी काम चला लेते थे ,लेकिन अब ऐसा करना नामुमकिन नहीं होगा पन आधार का दुरुपयोग को डुप्लीकेशन रोकने के लिए में ITRएनरोलमेंट आईडी लगाने की सुविधा नहीं रहेगी ।
शेयर बाय बैक पर टैक्स
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण में बजट 2024 शेयर बाय बैक से होने वाली इनकम को डिविडेंड के बराबर बताते हुए इस परटैक्स लगाने का ऐलान किया था । इस पर एविडेंस की तरह शेरहोल्डर लेवल के टैक्स लागू होंगे इससे टैक्स का बोझ बढ़ जाएगा । शेयर बाय विवेक से हुई आई पर भी टैक्स लगेगा यह बदलाव भी 1 अक्टूबर 2024 से प्रभावित होगा ।
फ्लोटिंग रेट बंद टीडीएस
इसका ऐलान भी बजट 2024 में किया गया था कि 1 अक्टूबर 2016 से फ्लोटिंग रेट बंद सहित कुछ केंद्रीय और राज्य सरकार के बोर्ड से 10 पीस दी की दर से टीडीएस की कटौती की जाएगी । हालांकि कुछ छूट भी रहेगी ,अगर पूरे साल में रेवेन्यू 10000 रुपए से कम है तो टीडीएस नहीं काटा जाएगा ।
टीडीएस में कमी
सरकार में 19 दा 194 ह 194 फर्स्ट भी और 194 एम के तहत टीडीएस पांच पीस भी से घटकर दो फीस दी कर दिया है । साथ ही टैक्स विवादों के निपटान के लिए विवाह से विश्वास योजना 2.0 भी 1 अक्टूबर से शुरू होगी । इसमें टैक्स और कॉर्पोरेट आसानी से किया जा सकेगा जिससे लोग मुकदमे बाजी से बच सकेंगे।