JEEKA VIRUS:-गर्भवती महिलाएं रहे ,जीका वायरस से सावधान


राजस्थान में जीका वायरस की चपेट में आने से एक मरीज की मौत हो गई है । सब बताइए पहला मामला है ,जब इस वायरस से राज्य में किसी भी मरीज की मौत हुई है । जयपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती मरीज का तीन दिन तक जिला जल और तीसरे दिन उसकी मौत हो गई।  आलम की हेल्थ  डिपार्टमेंट से जुड़े एक्सपर्ट बता रहे हैं, कि मरीज की मौत ब्लड इंफेक्शन हीमोफीगूसिटिक फिल्म का साइटोसिस से हुई है । 

  • जिका वायरस से गर्भवती महिलाओं को खतरा 
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक  जीका वायरस से मौत होने की संभावना बिल्कुल ना के बराबर होती है, इसका सबसे ज्यादा प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर पड़ता है।  इस वायरस से प्रभावित गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे की मस्तिष्क का सही से विकास न होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है । 


  • आईए जानते हैं ,क्या है जीका वायरस 
जिका वायरस एडिट मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है, इसमें आर्गनिज्म हमारी कोशिकाओं का इस्तेमाल करके अपनी ढेर सारी कुकीज बना लेता है।  इसे ऐसे समझिए कि यह वाइरस अपने घर में रहकर हमारा ही खाना खाकर अपना कुनबा बढ़ता रहता है। 
 
  • जिका वायरस के लक्षण 
जिगाजी बड़ी ज्यादा लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखता है । स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक जी का वायरस से संक्रमित केवल पांच से में से एक व्यक्ति में ही लगभग दिखाई देते हैं।  जो लक्षण नजर आते हैं ,वह इतनी बड़ा होते हैं, कि अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है, कि यह जीका वायरस के कारण भी हो सकते हैं । 

  • लक्षण 
बुखार आना ,सर दर्द, जोड़ों में दर्द, स्किन  पर दाने और लाल चकते ,आंखों के सफेद दाग  में लालिमा चना, मांसपेशियों में दर्द । 

  • जिका वायरस का फैलने का कारण 
जी का एक प्रकार का वायरस है जो जी का संक्रमण का कारण बनता है । डेंगू बुखार और वेस्ट नील सकरमंद की जिम्मेदार वायरस भी प्ले वायरस वायरस के ही प्रकार हैं । 
संक्रमांक एडिट मच्छरों से गर्भवती महिलाओं से भूरण में ब्लड ट्रांसफ्यूजन से सेक्सुअल एक्टिविटी से । 

  • गर्भवती महिलाओं को ज्यादा खतरा 
जिका वायरस सबसे अधिक गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है । यह वाइरस महिला के भ्रूण को भी संक्रमित कर सकता है ,और उसके विकास को बाधित कर सकता है, गर्भवती महिला में जी का वायरस प्लेसेंटा के जरिए भूरण  तक पहुंच सकता है । 
जीका के कारण बच्चा माइक्रो सेफ्ली जैसी जन्मजात मेडिकल कंडीशन के साथ पैदा हो सकता है ,माइक्रो सेफ्ली का मतलब यह हो सकता है ,कि बच्चे का मस्तिष्क ठीक से विकसित नहीं हुआ है।  इन बच्चों का भी सर देखने मौसम से छोटा होता है । इसी प्रकार यह वायरस ना की बराबर व्यक्तियों में इसके लक्षण दिखाई देते हैं

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