अब 2 साल में ग्रेजुएशन की डिग्री मिल सकती है । ग्रांट कमिशन ने ग्रैजुएट प्रोग्राम को और आसान बनाने का काम किया है । यूजीसी चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि, कोई भी स्टूडेंट अपने सिलेबस का टाइम ड्यूरेशन अब घटा - बढ़ा सकता है । ग्रेजुएशन डिग्री प्रोग्राम को 3 से 4 साल का होता है ,उसे स्टूडेंट घटकर दो ढाई साल में भी पूरा कर सकते हैं ।
इसके साथ ही कमजोर स्टूडेंट अपने ग्रैजुएट प्रोग्राम का समय बढ़कर 5 साल तक भी कर सकते हैं ।
आप इस प्रकार कर सकते हैं डिग्री पूरी
* ग्रेजुएशन का समय छात्र-छात्राएं खुद बड़ा या घटा सकते हैं ।
* टैलेंटेड स्टूडेंट अगर 2 साल में क्रेडिट स्कोर पूरा कर लेते हैं ,तो उन्हे डिग्री के लिए तीन या चार साल इंतजार नहीं करना पड़ेगा ।
* कमजोर स्टूडेंट वेयर स्टूडेंट जिनके पास समय की कमी है, वह 3 से 5 साल से ज्यादा समय बी ग्रेजुएशन पूरा कर सकते हैं ।
* आईआईटी मद्रास के डायरेक्टर वी कमाकोटी ने इस नई स्कीम का सुझाव दिया था। जिसे यूजीसी ने स्वीकार भी कर लिया है, और अगले साल तक इस विकल्प को लागू कर सकती है।
* यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि ,इसका उद्देश्य स्टूडेंट के लिए फ्लैक्सिबिलिटी बढ़ाना है।
* यूजीसी चेयरमैन बोले डायरेक्टर का सुझाव अमल में ला सकते हैं ।
चेन्नई में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 पर कार्यक्रम समिति के दौरान जगदीश कुमार ने यह बात कही यूजीसी चेयरमैन नेशनल एजुकेशनल पॉलिसी पर ऑटोनॉमस कॉलेज के लिए शब्द जॉनसन समित के मौके पर आईआईटी मद्रास पहुंचे थे । यहां उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ,आईआईटी मद्रास की डायरेक्टर वी कमाकोटी ने एक नई स्कीम का सुझाव दिया था ,और इसे यूजीसी ने मंजूरी भी देती है ।
इससे पहले कार्यक्रम के दौरान उद्घाटन के मौके पर यूजीसी चेयरमैन ने कहा कि, ऑटोनॉमस कॉलेज और इंस्टिट्यूट कम्युनिकेशन के लिए इंग्लिश का इस्तेमाल करते हुए पढ़ाई का माध्यम मातृभाषा रखें, इसे ग्रामीण क्षेत्र के स्टूडेंट को मदद मिलेगी और सीखने का बेहतर मौका मिलेगा ।
वी कामाकोटी की बात
विश्व आबादी जनगणना में सामने आया कि ,भारत सबसे युवा आबादी वाला देश है । यहां 15 से 35 उम्र ग्रुप के लोग सबसे ज्यादा है, ऐसे में अगर हम आज इन्हें शिक्षित नहीं करते हैं तो, आने वाले 10 साल में हम सबसे ज्यादा अशिक्षित देश हो सकते हैं ।
छात्र-छात्राएं डिग्री के बीच में ब्रेक भी ले सकते हैं
इससे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत यूजीसी की डिग्री बीच में ब्रेक लेने का ऑप्शन भी स्टूडेंट के लिए ला चुका है । अगर कोई स्टूडेंट चाहे तो वह कोर्स से ब्रेक ले सकता है ,और बाद में वापस आकर इसे पूरा कर सकता है। इसे लेकर यूजीसी चेयरमैन ने कहा कि ,हमारा काम स्टूडेंट को क्रिटिक्स थिंकर बनाना है । हम उन्हें ऐसा बनाना चाहते हैं, जिससे वह देश के विकास में मदद कर सके । उन्होंने आगे कहा कि यूजीसी ने पहले ही कई एंट्रेंस और एग्जिट ऑप्शन दिए हैं ,ताकि कमजोर स्टूडेंट ब्रेक ले सके और अपनी पसंद के अनुसार सिलेबस पूरा कर सके। हमारा उद्देश्य स्टूडेंट्स को ज्यादा फ्लैक्सिबल बनाएगा और ज्यादा मौके देगा इसके साथ ही जगदीश को करने कहा कि 12 से 13 नवंबर को दिल्ली में हायर एजुकेशन की बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नेप 2020 की प्रोग्रेस को रिव्यू किया है ,और इसे लागू करने की बात कही है । पश्चिम बंगाल और केरल जैसे राज्यों ने शिक्षा नीति का विरोध किया इन राज्यों ने चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम शुरू की है । तमिलनाडु ने नेप को नहीं अपनाया था ,और इसके बजाय राज्य शिक्षा नीति का फॉर्मेट तैयार किया था। ऐसे में यह एक अच्छी शुरुआत होगी ।
इस नई पहल से आप 4 साल की डिग्री 2 साल में भी पूरी कर सकते हो जो की एक बहुत ही अच्छा काम किया है।
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