देश में मंकी बॉक्स का दूसरा मामला सामने आया है।
मंकी बॉक्स के मामले में लगाम लगाने के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों को एडवाइजरी जारी कर दी है ।विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 14 अगस्त को मंकी बॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। मंकी बॉक्स से घबराने की जरूरत नहीं है ।बस कुछ सावधानी बरतने से आप भी मंकी बॉक्स वायरस से संक्रमित होने से बच सकते हैं।
मंकी बॉक्स के मामले में लगाम लगाने के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों को एडवाइजरी जारी कर दी है ।विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 14 अगस्त को मंकी बॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। मंकी बॉक्स से घबराने की जरूरत नहीं है ।बस कुछ सावधानी बरतने से आप भी मंकी बॉक्स वायरस से संक्रमित होने से बच सकते हैं।
9 सितंबर को देश में पहले मरीज मिलने की पुष्टि हुई थी, और 14 अगस्त को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया गया था। मंकी पॉक्स होने पर शरीर पर सकते पड़ जाते हैं ।
डिजिटल डेस्क नई दिल्ली मंकी बॉक्स कैसे इन इंडिया देश में मंकी बॉक्स का दूसरा मामला सामने आ चुका है। दुबई से केरल लोटा एक शख्स संक्रमित मिला है 38 वर्षीय शख्स का मलप्पुरम जिले में इलाज चल रहा है ।स्वास्थ्य विभाग में बताइए कि सच में मंकी बॉक्स संक्रमण की पुष्टि हुई है ।
इससे पहले 9 सितंबर को देश में मंकी बॉक्स के पहले मरीज मिलने की पुष्टि हुई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि विदेश से लौटे एक व्यक्ति को 8 सितंबर को मंकी बॉक्स के संडे में पकड़ा गया था।
इससे पहले 9 सितंबर को देश में मंकी बॉक्स के पहले मरीज मिलने की पुष्टि हुई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि विदेश से लौटे एक व्यक्ति को 8 सितंबर को मंकी बॉक्स के संडे में आइसोलेशन में रखा गया था ।
मंकी बॉक्स से अलर्ट रहे सभी राज्य= मंकी पाक्सके मामले पर लगाम लगाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को एडवाइजरी जारी कर दी है ,केंद्र सरकार ने कहा ,कि मंकी फॉक्स के मामले सामने ना आए, इसके लिए राज्यों को हेल्थ एक्शन लेना चाहिए वही सभी राज्यों को अपना स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारी की समीक्षा करनी चाहिए ।
जानिए कॉविड-19 और मंकी फॉक्स क्स में अंतर
कोरोना वायरस SARS-COV-2 के कारण होता है वही का वायरस वोल्कानॉइड फैमिली का आर्थ्रोपॉक्स वायरस है मंकी बॉक्स के मुकाबले कोरोना के लक्षण ज्यादा गंभीर हो सकते हैं वही कोरोना ज्यादा संक्रामक है।
कोरोना का वायरस फेफड़ों पर हमला करता है, जबकि मंकी फॉक्स होने पर शरीर भर सकते पड़ जाते हैं ।
कोरोना से संक्रमित होने के बाद 14 दिन के भीतर लक्षण दिख सकते हैं, जबकि मंकी पॉक्स से संक्रमित होने पर 21 दिनों के भीतर लक्षण सामने आते हैं ।
कोरोना से संक्रमित व्यक्ति चार से पांच दिनों में ठीक हो सकते हैं। जबकि कोई व्यक्ति मंकी फॉक्स से संक्रमित है तो उसे ठीक होने में दो से चार हफ्ते भी लगा सकते हैं ।
मंकी फॉक्स के लक्षण
बुखार आना ।
शरीर में जगह-जगह गांठ बनना ।
सर दर्द मांसपेशियों में दर्द थकावट ।
ठंड लगा हुआ पसीना आना ।
गले में खराश हुआ खा़ंशी ।
त्वचा पर लाल सकते फफोले खुजली त्वचा पर जख्म ।
जानिए कितना खतरनाक है मंकी फॉक्स?
मंकी फॉक्स की बीमारी पीड़ा दायक जरूर है, लेकिन यह कोरोना की तरह ज्यादा तेजी से फैलने वाली बीमारी नहीं है, जिन लोगों को पहले चेचक का टीका लगा है। या जिन्हें पहले चेचक हो चुका है उन लोगों को इसका संकरण होने का ज्यादा खतरा नहीं है चेचक की तरह मंकी बॉक्स में मृत्यु दर ज्यादा नहीं है ,ज्यादातर मरीज दो से चार सप्ताह में ठीक हो जाते हैं ।
क्या भारत में मंकी फॉक्स का दूसरा मामला है, खतरे की घंटी सुरक्षित रहने के लिए आज से ही अपना ही आदतें है।
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