राजस्थान सरकार ने जींस या अनाज खरीदने वालो किया चौकन्ना
राजस्थान एग्रीकल्चर मार्केट
मंडी के बाहर उपज की खरीद रोड पर टैक्स नहीं वसूला जा सकता था लेकिन मंडी के बाद भी व्यापार को बढ़ावा मिलने लगा था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा ।
राजस्थान की दौसा जिले में एक मामला सामने आया है, उपज मंडी यार्ड के पार क्षेत्र में कृषि जिंसों का कारोबार करने पर मंडी शुल्क वसूला जाएगा ।संबंध में राजस्थान की सभी कृषि उपज सेंटर्स को निर्देश जारी कर दिया। इससे मंडीयो की राजस्थान में बढ़ोतरी हो सकेगी ।सूत्रों के अनुसार करीब चार वर्ष पहले सरकार की ओर कर्म के चलते टैक्स समाप्त कर दिया गया था। इसके साथ मंडी के बाहर उपज की परी पछ पर टैक्स नहीं वसूला जा सकता था। इससे मंडी के बाहर भी व्यापार को बढ़ावा मिलने लगा था ।
अब फिर से पुरानी व्यवस्था को बहाल कर दिया गया है ,इससे कृषि उपज मंडी क्षेत्र में कृषि जींस के व्यापार पर निर्धारित मंडी सहित वसूला जाएगा ।उसे नहीं करने पर मंडी प्रशासन की ओर से पेनल्टी लगाने की कार्रवाई की जा सकेगी ।इस संबंध में कृषि उपज मंडी समिति कार्यालय बांदीकुई की ओर से संबंधित व्यापार संघ अध्यक्ष को अवगत कराया गया।
जानिए क्या है कृषक कल्याण शुल्क
अच्छा चीनी फल एवं सब्जियों पर किसी भी प्रकार का मंडी शुल्क नहीं है लेकिन फल सब्जियों के व्यापार पर एक प्रतिशत वह गुड़ चीनी के व्यापार पर 0.50% कल्याण शुल्क देखें, इसके अलावा कृषि जिंसों के व्यापार पर भी कर सकते कल्याण शुल्क है।
तय शुल्क
जवार, बाजार, मक्का, जीरा, ईसबगोल का मंडी शुल्क 0.50 प्रतिशत है ,जबकि कृषक कल्याण शुल्क 0.50 प्रतिशत है ।
तिलहन का मंडी शुल्क एक प्रतिशत है और कैसे कल्याण शुल्क 0.50% है ।
वही देखा जाए तो गुड़ ,चीनी का मंडी शुल्क 0% है, कर से कल्याण शुल्क 0.50% है ।
घी, बस इमारती लकड़ी, वह वन उपज का मंडी शुल्क 1.7% है वहीं कृषि शुल्क कल्याण देखे तो 0.50% है
जो ,उड़द, गेहूं, मूंग का मंडी शुल्क एक पॉइंट 60% हैं, वही कृषक कल्याण शुल्क 0.50% है ।
पलवल सब्जियों में मंडी शुल्क जीरो हैं ,वही कल्याण शुल्क 1% है।
इसे क्या आएगा बदलाव व्यापार में
मंडीयो के बाहर कृषि जिंसों के व्यापार पर शुल्क के आदेश जारी हो गए ,इससे मंडीयो के राजस्व आय में बढ़ोतरी होगी।
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