जाने क्यों मनाई जाती है ईद मिलाद अन नबी और जाने पर आंगन में मोहम्मद के जन्म से जुड़ाव इतिहास
इस्लामिक कैलेंडर में एक ऐसा दिन भी आता है जिसे पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है। यही दिन ईद मिलाद अन नबी फुल मानता है कि इसी दिन पैगंबर को अल्लाह ने धरती पर भेजा था फुल स्टोरी इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी उल अव्वल में मनाया जाने वाला एक मुख्य त्यौहार है और इस ईद की तरह ही पाक माना जाता है जो की पूरी दुनिया में मनाया जाता है। अधिकतर लोग बकरा ईद और मीठी ईद के बारे में जानते हैं लेकिन आपको बता दे की इस्लामी धर्म के लिए यह भी बहुत महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है।
##ईद मिलाद अन नबी कब है:
इस साल यह 16 सितंबर को मनाई जाएगी। हां बाकी दोनों ईद की तरह इस हॉलिडे नहीं माना जाता लेकिन सिर्फ गजेटेड हॉलिडे है लेकिन इसे पूरी दुनिया के मुसलमान मानते हैं। इस्लामिक कैलेंडर की डेट हर साल बदल जाती है इसलिए हर साल इस त्यौहार की तारीख भी बदल जाती है।
सुन्नी मुसलमान के लिए यह दिन 12वीं रबी उल अव्वल को मनाया जाता है लेकिन कुछ शिया मुसलमान के लिए यह 70 भी रबी उल अव्वल पर आता है। यह निर्भर करता है कि यह किन दिनों में पड़ेगा।
ईद मिलाद अन नबी क्यों मनाई जाती है
ईद मिलाद अन नबी को सबसे पहले 12वीं रबी उल अव्वल में मनाया गया था। यह 632 ईस्वी में पैगंबर मोहम्मद के मौत के बाद शोक दिवस के रूप में मनाया जाता था लेकिन 13वीं साड़ी के बाद इसे अशोक की जगह खुशी के करो पैगंबर के जन्म के जलसे के रूप में मनाया जाने लगा।
इस दिन को पैगंबर के खास दिन के तौर पर माना जाने लगा और इस दिन उनकी सिकाई भी बातों पर अमल किया जाता है। इस्लाम धर्म के लिए यह पाक दिन होता है जिसमें पैगंबर की बातों से प्रेरणा ली जाती है और खुशियां मनाई जाती है और खुशियां दूसरों में माटी जाती है।
इसलिए इस इस्लामिक त्यौहार माना जाता है लेकिन हर मुस्लिम समुदाय इस नहीं मानता प्ले स्टोर कुछ यह भी समझते हैं कि पैगंबर मोहम्मद का जन्म इस्लामी नियमों के हिसाब से नहीं मनाया जाता या मनाया जाए जाना नहीं चाहिए। इस विद्युत माना जाता है। विद्युत का मतलब कुछ नया करने से हैं जिसे अल्लाह के नियमों के हिसाब से शामिल नहीं किया गया और कुरान के हिसाब से यह गलत है।
सलाफी और वहां में को नियमों वाले लोग यही मानते हैं कि मिल वाले दिया ईद ए मिलाद को पैगंबर के समय नहीं मनाया जाता था इसलिए यह गलत है।
ईद मिलादुन्नबी का इतिहास
फातिमा खिलाफत 909 से 1171 ईस्वी में शिया इस्लाम विचारधारा को मानने वाला मिश्रा का साम्राज्य था पुलिस स्टोर फातिमा किला नहीं कि इस दसवीं सदी में पहली बार त्यौहार का दिन माना था जो बाद में 13वीं सदी तक पूरी दुनिया में फैल गया था।
इस दिन प्रार्थना की जाती है शायरी होती है पैगंबर किसी को दोहराया जाता है नमाज पढ़ी जाती है। शुरुआती दौर में से सिर्फ फातिमा खिलाफत द्वारा ही मनाया गया लेकिन व्यापार के लिए जैसे-जैसे यह लोग आगे आए वैसे-वैसे इस दिन को लोग फिर यह माना जाने लगा प्ले स्टोर अब इस त्यौहार को दुनिया के कई देशों में मनाया जाता है और इसमें जुलूस निकाला जाता है और कुछ लोग इसी दिन दान करने को अच्छा मानते हैं और लोगों को दान करते हैं और पंगत बिठाकर खाना खिलाया जाता है
ईद मिलाद अन नबी का महत्व
जहां तक इसकी बातों की बात है तो ईद मिलाद अन नबी को पैगंबर मोहम्मद की जीवन और उनकी विरासत का सम्मान करने का दिन माना जाता है पैगंबर मोहम्मद अल्लाह के आखिरी दूध सेवर कुरान में उन्होंने कहीं शिक्षा दी थी पुलिस ऑफिसर उन्हीं को दोहराया जाता है इसलिए इसे बहुत अच्छा दिन माना जाता है।