अबकी बार कांग्रेस सरकार का पलड़ा भारी जीत सकती है ज्यादा वोटो से


इस बार हरियाणा और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे से पहले एग्जिट पोल में पढ़ना होगा ,अनुमान लगाया गया है, कि जिसमें हरियाणा में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है । वहीं जम्मू एवं कश्मीर में भी कांग्रेस और नेशनल कांग्रेस गठबंधन को बाधक मिलती दिखाई दे रही है।  कुल मिलाकर दोनों राज्यों में भाजपा को नुकसान होता दिखाई दे रहा है ,इन दोनों राज्य से बीजेपी हार भी सकती है । हाल ही में केंद्र की सत्ता में तीसरी बार वापसी करने वाली भाजपा को हरियाणा और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के परिणाम ना ना खुश कर सकते हैं।  शनिवार को हरियाणा में मतदान के बाद आप विभिन्न एजेंसीयों के चुनाव पूर्व अनुमान यानी एग्जिट पोल में भाजपा को नुकसान होता दिखाई दे रहा है।  हरियाणा में कांग्रेस जो अपने बलबूते स्पष्ट बहुमत की मजबूत सरकार बनती दिख रही है । वहीं जम्मू कश्मीर में 10 वर्ष बाद हुआ चुनाव में बात का बहुत मामूली बढ़त करती दिख रही है।  हालांकि महबूबा मुफ्ती के दिल पीढ़ी भी के ढलान के चलते नेशनल कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने के आसार हैं । 
8 अक्टूबर को आएंगे परिणाम हरियाणा और जम्मू कश्मीर की 90 नंबर प्रतिशत विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव के परिणाम 8 अक्टूबर को मतगणना के बाद सामने आएंगे।  हरियाणा में माना जा रहा है ,ताकि 10 वर्ष से सत्ताहीन  भाजपा को सत्ता विरोधी लहर से नुकसान हो सकता है।  यह नाराजगी लंबे समय तक हरियाणा की संभालने वाले मनोहर लाल खट्टर के प्रति थी।  जिसके चलते चुनाव के कुछ मा पहले ही बात बने तो तुमने उन्हें अब्दस्त नायब सिंह सैनी को कम बनाया । 
कांग्रेस संबोध किसान आंदोलन ,जाटों की नाराजगी ,अग्नि वीर योजना जैसे मुद्दों से भाजपा विरोधी नेगेटिव बढ़ाने में सफल रही है । 
कांग्रेस के लिए सोने पर सुहागा माना जा रहा है ,की जेल से छूटकर संवेदनाएं बनाने के लिए गृह राज्य के चुनाव में उतरे दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पार्टी शाहिद बसपा जैसे दल लगभग बेशर्म रहे हैं । जिसके चलते बात पर विरोधी वोटो का बिक रहा होता भी दिखाई दे रहा है । 
जम्मू कश्मीर में बहुमत के करीब एग्जिट पोल का अनुमान है ,कि कांग्रेस को 50 से 55 सिम मिल सकती है।  जबकि भाजपा 25 से 26 के आसपास सीटों पर ही सीमेंट सकती है वहीं जम्मू कश्मीर में भी बहुत-बहुत के लिए 46 सीटों की आवश्यकता आईडी से नेशनल कांग्रेस का गठबंधन छोटा दिखाई दे रहा है । वहां गठबंधन को 40 से 45 सीटों का अनुमान है वहां के चुनाव को थोड़ा अलग दृष्टिकोण से भी देखने की जरूरत है । 
जम्मू क्षेत्र में 46 सिम हैं और कश्मीर में 47 है ,अगस्त 2019 में मोदी सरकार ने इसके अंदर साजिद प्रदेश से जो अनुच्छेद द्वारा 370 हटाई थी उसका लाभ भाजपा को जम्मू कश्मीर में मिलने की संभावना है । राज्य में 10 वर्ष पूर्व हुए चुनाव में भाजपा को जहां 25 सिम मिली थी इस बार 26 से 29 तक पहुंचाने का अनुमान है।  
इसबार सिम जम्मू से ही मिलती दिख रही है क्योंकि अगरी ऑडियो की गतिविधियों के केंद्र में रही गाड़ी में भाजपा को फिर मतदाताओं का सहयोग नहीं मिला ,जबकि कांग्रेस गठबंधन को बढ़त के साथ ही यही लगभग 30 सिम मिलने के आसार हैं बड़ी संख्या में मैदान में उतरे निर्दलीय 10 से 12 सीटों के आसपास रह सकते हैं। 

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