टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा का कल रात 11:30 बजे के करीब निधन हो गया है । अब बात यह है ,कि उनका बिजनेस कौन संभालेगा टाटा ग्रुप में अब तक सबसे ऊंचा पठार परिवार के ही सदस्य को मिलता रहा है, ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल है ,कि रतन टाटा के जाने के बाद अब उनकी विरासत को कौन संभालेगा फिलहाल ग्रुप की कमान चंद्रशेखरन के पास है ,यह टाटा परिवार से ताल्लुकुक्त नहीं रखते हैं।
रतन टाटा के निधन के बाद ग्रुप के सबसे बड़े स्टेकहोल्डर टाटा ट्रस्ट की कमांड नोएल टाटा को सौंपी गई है ।
67 साल की नोएल टाटा रतन टाटा की सौतेले भाई हैं, और कई वर्षों से टाटा ट्रस्ट सहित टाटा ग्रुप से जुड़े हुए हैं, वह नवल टाटा की दूसरी पत्नी के बेटे हैं ।नोवेल एक आयरिश नगरी है ,उन्होंने लोन जी मिस्त्री की बेटी आलू मिस्त्री से शादी की थी।
टाटा का परिवार
1868 में शुरुआत के बाद ग्रुप के संस्थापक जमशेदजी एंड डाटा ने 1904 तक इसकी कमान संभाली थी उनके बाद ग्रुप की जिम्मेदारी कर दौरा बड़ी टाटा ने 1960 से 1932 तक संभाली थी उसके बाद जीआरटी टाटा ने 1938 से 1991 तक संभाली थी और रतन टाटा 2012 तक अभी रतन टाटा की सौतेले भाई नवल नवल टाटा के बच्चे लिया माया और नेवल अन्य प्रोफेशनल की तरह कंपनी में काम कर रहे हैं ।
उनकी सबसे बड़ी बेटी लिहाहा टाटा ने मेड्रिड स्पेन से ले बिजनेस स्कूल से मार्केटिंग में मास्टर डिग्री हासिल की है साल 2006 में उन्होंने ताज होटल रिजॉर्ट्स एंड पैलेस में बेटर असिस्टेंट सेल्स मैनेजर जॉइन किया था फिलहाल वह द इंडियन होटल कंपनी लिमिटेड में वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर काम कर रही है ।
छोटी बेटी माया टाटा ने ग्रुप की फ्लैगशिप
फाइनेंशली सर्विस कंपनी टाटा कैपिटल में एनालिस्ट के तौर पर ज्वाइन किया था जबकि उनके भाई नोबेल टाटा ने ट्रेंड में अपनी प्रोफेशनल जर्नी की शुरुआत अपने करियर के साथ की थी ।
टाटा कंपनी की हिस्सेदारी
टाटा की 66% इक्विटी शेयर कैपिटल चैरिटेबल ट्रस्ट के पास है जो एजुकेशन, हेल्थ, आर्ट एंड कल्चर और लाइव हुड जनरेशन के लिए काम करता है ।
टाटा ग्रुप की सभी कंपनियों का टोटल रेवेन्यू 13.86 लाख करोड रुपए था वह 10 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार देती है इसके प्रोडक्ट सुबह से शाम तक हमारी जिंदगी में काम आते हैं जो कि हम देने की जीवन में रोजमर्रा के लिए उसे करते हैं चाय पत्ती से लेकर घड़ी कर और एंटरटेनमेंट सर्विसेज हमें टाटा कंपनी देती है ।
टाटा कंपनी की 66% हिस्सेदारी ट्रस्ट के पास है इसके बाद उनकी 18.4% है हिस्सेदारी मिस्त्री परिवार के पास है और टाटा ग्रुप कंपनी के पास 13% की हिस्सेदारी है और छोटे-मोटे शेर को मिलाकर उन्हें 2.6% की हिस्सेदारी है।
टाटा कंपनी की सफल बिजनेस
रिस्क टेकर्स
लग्जरी कर कंपनी जगुआर लैंड रोड जैसे नए बिजनेस में निवेश करने का जो प्रेम रतन टाटा नहीं उठाया यूरोपी दूसरी बड़ी स्टील कंपनी कोर्स का भी अधिकरण किया। इस निवेश ने टाटा ग्रुप को सफलता की नहीं मुकाम पर पहुंचा ।
टाटा न्यू साल 2000 में दुनिया के दूसरे सबसे बड़ी चाय मैन्युफैक्चर टैटली का अधिकरण किया ।
डिसीजन मेकर
1990 के दशक में रतन टाटा जी ने पैसेंजर कर बनाने के अपने फैसले की घोषणा की तो इसकी काफी आलोचना हुई अगले कुछ सालों में उन्होंने अकेले ही कंपनी का आधुनिकरण किया आज टाटा देश की सफल कर कंपनियों में शामिल है ।
2007 में टाटा ने यूरोप की स्टील कंपनी कोर्स के अधिकरण का फैसला लिया उनकी टीम को बोली जमा करने में 1 साल लग गया, तब तक कीमत बढ़ चुकी थी, लेकिन वह फिर भी इसके साथ आगे बढ़े इसका कंपनी को बहुत सारा फायदा मिला ।
बिजनेस सोचने का प्लान
रतन टाटा जी ने 2009 में टाटा नैनो को लांच किया था बिक्री के मोर्चे पर फेल होने के बाद 2019 में भले ही इसे बंद कर दिया गया ।
लीडर बनने का सपना
रतन टाटा एक बड़े टीम लीडर है, क्योंकि वह लोगों को प्रेरित करते हैं ,उनका कंपनी के लिए बिल्कुल साफ विजन है यह कर्मचारियों को इस विजन के लिए काम करने के लिए प्रेरित करता है ।
कर्मचारियों के बुरे समय में हमेशा उनके साथ रहना उन्हें एक बड़ा लीडर माना जाता है रतन टाटा कर्मचारियों के साथ अच्छा व्यवहार करते हैं ।
INOVATER के रूप में
रतन टाटा के पास जब टाटा ग्रुप की पूरी जिम्मेदारी थी ,तब उन्होंने इंडिका से लेकर नैनो जैसी कार भारत को दी रतन टाटा कहते हैं, कि किसी भी स्टार्टअप का फ्यूचर तभी अच्छा हो सकता है ,जब उसमें नए इनोवेशन किया जाए, नहीं प्रयोग होने से स्टार्टअप की सफलता की गारंटी बढ़ जाती है ,अगर नारायण उन्हें स्टाफ में निवेश किया जिसमें ज्यादा से ज्यादा इनोवेशन किया गया है ,उन्होंने निवेश किया ओला इलेक्ट्रॉनिक लेंसकार्ट पेटीएम जैसी बड़ी कंपनियों में उन्होंने इन्वेस्ट किया है ।
अब बात यह आती है, कि उनकी कंपनी का भार कौन संभालेगा । यह आपको पता चल जाएगा थोड़े दिनों में क्योंकि उसका डिसीजन लेंगे अभी तो शोक मनाया जा रहा है।